Rajasthan Pashu Parichar Exam Scheme : राजस्थान अधीनस्थ बोर्ड द्वारा आयोजित पशु परिचर भर्ती परीक्षा पैटर्न एवं पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। पशु परिचर में लगभग 17 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इसके लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के द्वारा सिलेबस जारी किया गया है अब सभी अभ्यर्थी सिलेबस और एग्जाम पैटर्न के अनुसार अपनी तैयारी कर सकते हैं।
राजस्थान अधीनस्थ बोर्ड द्वारा हाल ही में पशु परिचर भर्ती के लिए पाठ्यक्रम जारी किया गया है । नवीनतम पाठ्यक्रम को डाउनलोड करके उसके अनुसार अपनी तैयारी शुरू कर सकते है क्योंकि पशु परिचर परीक्षा दिसंबर माह के शुरुआती दौर में प्रारंभ हो जाएगी ।
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा पशु परिचर भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन 1 दिसंबर से लेकर 4 दिसंबर के बीच करवाया जाएगा । इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको यहां पर हम आपको पशु परिचर परीक्षा पैटर्न एवं पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी देने जा रहे है ।
आवेदन करने के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड ने सबसे पहले पाठ्यक्रम व परीक्षा पैटर्न जारी किया गया था। अभ्यर्थी परीक्षा पैटर्न व पाठ्यक्रम के अनुसार तैयारी में लग गए है । हम आपको इस पोस्ट में इन सब की जानकारी सांझा कर रहे है ।
Rajasthan Pashu Parichar Exam Scheme
प्रश्न पत्र का भाग | प्रश्नों की संख्या | कुल अंक |
भाग अ | 105 | 105 |
भाग ब | 45 | 45 |
कुल योग – | 150 | 150 |
1. पाठ्यक्रम के अनुसार समान अंक वाले बहुविकल्पीय ( वस्तुनिष्ठ ) वाले कुल 150 प्रश्न होंगे ।
2. अधिकतम पूर्णयक 150 अंक के होंगें ।
3. प्रत्येक सही उत्तर के लिए अधिकतम 1 अंक देय होगा ।
4. प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/4 अंक काटा जावेगा ।
5. प्रश्न पत्र में न्यूनतम 40 % अंक लाना अनिवार्य होगा ।
6. परीक्षा का मानक स्तर सैकंडरी होगा ।
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Syllabus पाठ्यक्रम
भाग – अ (भारांक – 70% )
प्रश्नों की संख्या – 105
पूर्णांक – 105
राजस्थान राज्य के विशिष्ट संदर्भ के साथ माध्यमिक स्तर के सामान्य ज्ञान जिसमे दैनिक विज्ञान, गणित, सामाजिक अध्ययन, भूगोल, इतिहास, संस्कृति, कला, समसामयिक विषय आदि समाविष्ट हो, पर वस्तुपूरक प्रकार के प्रश्न ।
भाग (ब) ( भारांक 30 प्रतिशत )
प्रश्नों की संख्या – 45
पूर्णांक – 45
पशुपालन से संबंधित निम्न बिन्दुओं का सामान्य ज्ञान जिसमे प्रदेश में पशुओं की प्रमुख देशी नस्लें, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, संकर प्रजनन, दुग्ध दोहन दुग्ध स्रवण काल, स्वच्छ दूध उत्पादन, पशु एवं कुक्कुट प्रबंधन, जैविक अपशिष्टों का निस्तारण, संतुलित पशु आहार, चारा फसलें, चारा / चारागाह विकास, स्वस्थ एवं बीमार पशुओं की पहचान
पशुओं में अंतः एवं बाह्य परजीवी रोग, पशुओं में टीकाकरण, पशुधन प्रसार, भेड़ बकरियों का स्वास्थ्य कलेण्डर, ऊन, मांस, दूध व अंडों का देश व राज्य में उत्पादन व स्थान, प्रति व्यक्ति दूध / मांस / अंडों की उपलब्धता, प्रति पशु दूध की उत्पादकता, ऊन कतरन, भार ढोने वाले पशु, वर्मी कम्पोस्ट खाद, पशुओं के चमडे एवं हड्डियों का उपयोग, पशुओं की उम्र ज्ञात करना
पॉलीथीन से पशुओं / पर्यावरण को हानि, पशु बीमा, पशु क्रय के समय रखी जाने वाली सावधानियाँ, पशु मेलें, पशुगणना, गौशाला प्रबंधन, साफ सफाई का महत्व, गोबर मूत्र का उचित निष्पादन, पशुधन उत्पादों का विपणन, डेयरी विकास गतिविधियों तथा पशुपालन विभाग की प्रमुख योजनायें आदि का समावेश हो, पर वस्तुपूरक प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे।
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